THUGS OF HINDOSTAN FILM REVIEW. THEY TRIED TO MAKE FOOL OF AUDIENCES.


ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान फिल्म समीक्षा 

कहानी बेहद ही साधारण है
इस फिल्म की कहानी की शुरुआत मिर्जा सिकंदर बेग (रोनित रॉय) से होती है जो एक रियासत के मालिक हैं. अंग्रेज उनकी रियासत को धोखे से अपने कब्जे में ले लेते हैं. लेकिन इसे बचाने में मिर्जा बेग और उनके बेटे की मौत हो जाती है. अंग्रेज अफसर क्लाइव जब मिर्जा बेग की बेटी को मारने वाला होता है तभी खुदाबक्श जहाजी (अमिताभ बच्चन) एन वक्त पर पहुंचकर उसकी जान बचा लेता है और रियासत से दूर ले जाकर उसकी परवरिश अपने सरंक्षण में करता है.
फिरंगी मल्लाह (आमिर खान) अवध का जाना-माना ठग है जो अंग्रेजों के लिए काम करता है. जब अंग्रेज खुदाबक्श को अपने रास्ते से हटाने की चाल चलते हैं तब उनको फिरंगी की जरुरत पड़ती है. फिरंगी अपना जाल बुनना शुरू कर देता है और खुदाबख्श के काफी करीब पहुंच जाता है.
फिरंगी की ठग नीयत की वजह से खुदाबख्श को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है जो फिल्म का इंटरवल पाइंट भी है. उसके बाद पासे पलट जाते हैं और अंत में कई चीज़ों का खुलासा होता है.


ये फिल्म मसाला फिल्म के नाम पर आपको ठगेगी
 ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान दिवाली के मौके पर रिलीज़ तो हुई पर धमाका करने में असफल रही।  फिल्म समीक्षकों का मानना है की ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान के निर्माताओं ने दर्शाकों को ठगने का प्रयत्न किया है। ना तो फिल्म की कहानी में दम है और न ही अभिनय में। पुरे फिल्म में केवल आमिर खान ही मात्र अभिनय करते देखे जा सकते है। फातिमा सना शेख =ने अच्छी तीरंदाजी और उछल कूद की है जो हॉलीवुड को टकर देती है पर वो भी दर्शोकों को ज्यादा देर तक बांध के रखने में असफल रहीं। सदी के महानायक अमित जी पुरे फिल्म में गुस्से के एक्सप्रेशन में ही रहे मुझे ऐसा लगता है कि फिल्म के निर्माता से अभिनय करवाना ही नहीं चाहा वे केवल फिल्म में उनके होने भर से ही इतने खुश थे की स्क्रिपट और अभिनय पर काम ही नहीं किया। कैटरीना ने फ़िल्म के दिनों बकवास गानों में पूरा ग्लैमर उड़ेला है उसके बाद वो फिल्म से लगभग गायब ही नज़र आती है।   

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